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भगवान कि भक्ति मे शक्ति। (Power in devotion to God)

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                                                     यूं ही नही मै भगवान कहलाता । सबका जीवन मै चलाता । खाने को मै अन्न उगाता । फ़िर किस बात का  घमण्ड तुझे आता। मै ही राम हु। मै ही बुद्ध हू। मै ही जीजस और अल्ला। फ़िर किस बात का मेरे लिये इस दुनिया मे है इतना हल्ला। जीवन कि ये सच्चाई है। मृत्यु सबकी आई है। मत कर लोभ लालच नशवर संसार का संसार मे भक्ति ही भक्ति छाई है। तेरा मेरा मत कर इस संसार मे सब कुछ है नशवर। पाप पुन्य का हिसाब होगा भक्ति ही एक उपाय होगा। अपने कर्तव्य को पुरा कर भगवान भक्ति मे डुबा कर। भक्ति शक्ति ,शक्ति भक्ति ,भक्ति मे ही  प्रकृति कि शक्ति। यूं ही नही मै भगवान कहलाता । सबका जीवन मै चलाता । खाने को मै अन्न उगाता । फ़िर किस बात का  घमण्ड तुझे आता। Not only this, I am called God. I run everyone's life I used to grow food. Then you are proud of what. I am Ram I am a Buddha. I am Jesus and Allah. Then what is so fight for me in this world. This is the truth of life. Death has come for everyone. Do not be tempted, greed and devotion have permeated the world of devotion. This

बचपन की कविता.

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बचपन के वो दिन बहुत सुहाने हुआ करते थे. बचपन के वो दिन बहुत सुहाने हुआ करते थे.  पूरा पूरा दिन गलियों में घूमा करते थे.  यारों के साथ कंधे से कंधा मिला के चलते थे. पूरा पूरा दिन पार्क में क्रिकेट खेला करते थे.  भरी दोपहरी में पेड़ों की छाव में चौपाल लगाया करते थे.  ना कोई गर्मी ना कोई सर्दी  बचपन को आनंद से जिया करते थे. छोटी छोटी खुशियों से भी बहुत खुश हो जाया करते थे. बचपन के वो दिन बहुत सुहाने हुआ करते थे.  तब का दौर खुछ और ही हुआ करता था.  नाना नानी दादा दादी सबक बारे में पता हुआ करता था.  माँ की सुनाई लोरी से ही नींद आजाया करती थी. माँ  के  आँचल में ही नींद आया करती थी.  बहुत सुहावने थे वो दिन टेलीविज़न में कृष्णा और रामायण आया करती थी. भारतीय संस्कृति और कल्चर को  पूरी  दुनिया में दिखाया करती थी. बचपन के वो दिन बहुत सुहाने हुआ करते थे.